1. प्रश्न- क्षारसूत्र चिकित्सा क्या है? ( What is kshara sutra therapy? )
उत्तर:- क्षारसूत्र चिकित्सा प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसमें बवासीर (Piles), भगन्दर (Fistula in ano), Fissure तथा अन्य गुदागत रोगों का स्थाई उपचार किया जाता है। क्षारसूत्र को विशेष आयुर्वेदिक औषधियों के कई लेप करके लगभग एक माह में तैयार किया जाता है।
2. प्रश्न- ऐसा क्या है जो इस चिकित्सा पद्धति को इतना खास बनाता है? ( What makes this therapy so special? )
उत्तर:- जब इस पद्धति के बारे में आप आगे पूरा विवरण पढ़ेंगे तो स्वयं जान जायेंगे कि यह इतनी खास क्यों है।
3. प्रश्न- क्या यह एक ऑपरेशन है? क्या इसमें भर्ती होना पड़ता है तथा मैं अपने नियमित कार्यों को सुचारू रूप से पुनः कद प्रारम्भ कर सकता/सकती हूँ? ( Is it a surgical operation? Does the patient need hospital admission? )
उत्तर:- यह एक minimum invasive procedure है, जिसमे [ksharsutra Ligation किया है, इसे कहना उचित नहीं होगा। यह एक थोड़ी देर की खास चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसमें रोगी को भर्ती नहीं होना पड़ता है तथा रोगी उसी दिन अपने नियमित कार्यों के रूप कर सकता है। बस इतान के दौरान कुछ सावधानियों निर्देशों का पालन करना होता है।
4. प्रश्न- क्या इस प्रक्रिया में कोई खतरा होता है व दर्द अधिक होता है? ( Is it a painful procedure? Does the patient need anesthesia? Is there any risk? )
उत्तर:- अपने समकक्ष प्रचलित अन्य चिकित्सा प्रक्रियाओं की तुलना में यह सर्वाधिक सुरक्षित, सफत व सटीक बिकता होने की कलह से इसमें खतरा एवं उपद्रव complications होने की सम्भावना होती है। चूंकि दर्द की अनुभूति हर व्यक्ति में अलग-अलग होती है यह कह पाना क कितना दर्द होगा, समभव नहीं है। अन्य प्रक्रियाओं की तरह सोड़ा बहुत दर्द हो सकता है।
5. प्रश्न- मेरा रोग कितने दिनों में ठीक हो जायेगा? ( How much time does it take to cure the disease completely? )
उत्तर:- किसी भी रोग के सही होने का समय रोग व रोगी की स्थिति पर निर्भर करता है। सामान्यतः बवासीर (Piles) व फिशर 7 से 10 दिनों में ठीक हो जाते हैं तथा भगन्दर (Fistula in ano) के ठीक होने का समय रोग की जाँच के बाद ही बताया जा सकता है।
6. प्रश्न- एक बार सही होने के बाद क्या यह रोग दुबारा (Recurrence) तो नहीं हो जायेगा? ( After the treatment can the disease reoccur? )
उत्तर:- यही तो इस प्रक्रिया की सबसे बड़ी विशेषता है कि इस विधि से सही हुए रोगों के दोबास (Recurrence) होने की सम्भावना मात्र 3-5 प्रतिशत ही होती है जो कि चिकित्सा की दृष्टि से नगण्य है जबकि अन्य पद्धतियों में यही संभावना कहीं अधिक (कई बार तो 50 प्रतिशत तक होती है। साथ ही व्यवहार में देखा गया है कि कई रोगी उचित जानकारी के अभाव में invalid, Unregistered, Unskilled quack लोगों से इलाज कराकर अपने रोग को बीभत्स स्थिति में ले आते है, ऐसी स्थिति में क्षारसूत्र चिकित्सा ही एक मात्र विकल्प है। इस प्रक्रिया की एक अहम विशेषता यह भी है High Anal Fistula की चिकित्सा करने पर Damage of anal sphincter & chances of incontinence की संभावना व्यवहारिक सोर नहीं होती जबकि – Surgery या अन्यतरीकों से चिकिया कराने पर ये समस्यायें अक्सर हो जाती है।
7. प्रश्न- इलाज के दौरान क्या व कितने दिनों परहेज रखना होता है? ( What are the precautions to be followed during and after therapy? )
उत्तर:- ठीक होने तक हत्था व सुपाच्य भोजन करना होता है, बता चुना व मसालेदार भोजन न करें। करून न होने दें तथा मत साग के समय और न लगायें सताद व पानी का सेवन खूब करें।
8. प्रश्न- क्या इलाज के दौरान दबायें अधिक खानी होगी? ( Does the patient need to swallow many medicines during the therapy? )
उत्तर:- हीं बरा कुछ आवश्यकता होगी।
9. प्रश्न- क्या इलाज में खर्च अधिक आता है? ( Is it an expensive therapy? )
उत्तर:- बिल्कुल नहीं अन्य सभी प्रचलित चिकित्सा प्रक्रियाओं की तुलना में इतनी सुरक्षित, असरकारक लाभप्रद व सटीक होने के बावजूद क्षारसूत्र चिकित्सा खर्च व समयावधि दोनों ही काफी कम होते है।
10. प्रश्न- क्या यह रोग दवाओं से ही ठीक नहीं हो सकता है ? ( Can ano-rectal diseases be cured by medicines only without any surgical or parasurgical procedure? )
उत्तर:- व्यवहारिक तौर पर देखा गया है कि केवल Piles Fissure को प्रारंभिक अवस्था वाले Cases के अलावा अन्य स्थितियों में रोम दवाओं से ठीक नहीं होते हैं। लोग वर्षों तक ठीक होने की आशा में तरह- तरह की दवाओं का प्रयोग करते रहते हैं, परन्तु इससे उन्हें कुछ समय तक ही आराम मिल पाता है जबकि उनका रोग अन्दर ही अन्दर बता जाता है। कई बार लोग सब कुछ जानते हुए surgery के ज्यादा सर्व कोकाह से भी समय रहते सा नहीं करते उन्हें समान नहीं मिल पाता।